गुरुवार, जुलाई 05, 2007

अर्ज़ किया है

कमरे के बाहर बारिश हो रही है
और कमरे के भीतर मेरी तीन चद्दीयाँ चार दिनों से तार पर गीली पढी है.

हम छायावाद नहीं यथार्थवाद में विश्वास करतें हैं

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

हा हा ... वाकई बढ़िया अर्ज किया है.

doubtinggaurav ने कहा…

रवि जीं धन्यवाद :-)